Friday, October 8, 2010

ना ज़मीन, ना सितारे, ना चाँद, ना रात चाहिए,
दिल मे मेरे, बसने वाला किसी दोस्त का प्यार चाहिए,
ना दुआ, ना खुदा, ना हाथों मे कोई तलवार चाहिए,
मुसीबत मे किसी एक प्यारे साथी का हाथों में हाथ चाहिए,
कहूँ ना मैं कुछ, समझ जाए वो सब कुछ,
दिल में उस के, अपने लिए ऐसे जज़्बात चाहिए,
उस दोस्त के चोट लगने पर हम भी दो आँसू बहाने का हक़ रखें,
और हमारे उन आँसुओं को पोंछने वाला उसी का रूमाल चाहिए,
मैं तो तैयार हूँ हर तूफान को तैर कर पार करने के लिए,
बस साहिल पर इन्तज़ार करता हुआ एक सच्चा दिलदार चाहिए,
उलझ सी जाती है ज़िन्दगी की किश्ती दुनिया की बीच मँझदार में,
इस भँवर से पार उतारने के लिए किसी के नाम की पतवार चाहिए,
अकेले कोई भी सफर काटना मुश्किल हो जाता है,
मुझे भी इस लम्बे रास्ते पर एक अदद हमसफर चाहिए,
यूँ तो 'मित्र' का तमग़ा अपने नाम के साथ लगा कर घूमता हूँ,
पर कोई, जो कहे सच्चे मन से अपना दोस्त, ऐसा एक दोस्त चाहिए!

Sunday, October 3, 2010

सच्चा प्यार!

दोस्तों, आज मैं आपको एक कहानी सुना रहा हूँ, एक चिड़िया को एक सफ़ेद गुलाब से प्यार हो गया, उसने गुलाब को प्रपोज किया, गुलाब ने जवाब दिया की जिस दिन मैं लाल हो जाऊँगा उस दिन मै तुमसे प्यार करूँगा, गुलाब का यह उत्तर सुनके चिड़िया गुलाब के आस पास काँटों में लोटने लगी और उसके खून से गुलाब लाल हो गया! यह देखके गुलाब ने उससे कहा की वो उससे प्यार करता है पर तब तक चिडिया मर चुकी थी।

इसीलिए कहा गया है की सच्चे प्यार का कभी भी इम्तहान नहीं लेना चाहिए, क्यूंकि सच्चा प्यार कभी इम्तहान का मोहताज नहीं होता है, ये वो फलसफा है जो आँखों से बया होता है, ये जरूरी नहीं की तुम जिसे प्यार करो वो तुम्हे प्यार दे, बल्कि जरूरी ये है की जो तुम्हे प्यार करे तुम उसे जी भर कर प्यार दो, फिर देखो ये दुनिया जन्नत सी लगेगी प्यार खुदा की ही बन्दगी है।

Wednesday, September 22, 2010

Nazar

आईने में सिर्फ हमने आँख देखी,
आँख में तस्वीर उनकी साफ़ देखी!
वो चले तो खामोशियाँ छाने लगी,
इस शहर में अजब उनकी धाक देखी!
रात भर शोले जंहा दहकते रहे,
भोरे होते ही, सिर्फ ठंडी राख देखी!
होंठ हिलते भी नहीं थे, किन्तु ,
फिर भी मौन में होती हुई भी बात देखी!
बादलों से दोस्ती कीजिये न खैर,
हमने तो यंहा हसरतों पर भी बरसात देखी.....................

Sunday, May 9, 2010

Maa

माँ ने ज़िन्दगी दी है, माँ ने हर ख़ुशी दी है,
खुश रहे हम सदा, माँ ने ये दुआ की है।
सारे गम सहती है, पर कुछ नहीं कहती है,
दर्द कितने सहकर भी वो, हमें खुश रखती है।
अपने होंठो की हँसी माँ ने हमें दी है,
दुनिया में आदर्शों की जननी है माँ।
राह चलने की हमें बताती है माँ,
जीने की आशाएं, माँ ने हमें दी है।
माँ है हर ख़ुशी, माँ है ज़िन्दगी,
भगवान से भी बढ़कर है माँ की बन्दगी।
आँचल के छाव तले माँ ने जगह दी है॥




Thursday, April 22, 2010

रह गुजर सुन जरा

"रह गुजर सुन जरा, इतना बता दे मुझे! मुझको मंजिल का रास्ता न दिखे।"

मर चुके हैं हौसले, बुझ गया जोश है,
आँखों में धुंध है, दिल भी मदहोश
है!
थक गए हैं कदम, फासलें ना मिटे,
आँखों के सामने धुँआ न रहे!
सिसकियों का चमन, गम की हैं आँधियाँ,
सूख कर झुक गयी फूलों की वादियाँ!
आँसुओ की अगन में जल रहा ख्वाब है,
न कोई हमसफ़र है, न कोई साथ है!
हैं उमंगें ख़त्म, ख़त्म है डगर,
किस तरह पार हो, ये ज़िन्दगी का सफ़र!...